नेपाल से दिल्ली तक भूकंप से कांपी धरती, क्या आने वाला है सबसे बड़ा भूकंप?
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जब धरती हिलती है तो डर का दायरा बहुत बड़ा होता है.
आज नेपाल से लेकर भारत के कई हिस्सों में भूकंप का वही डर देखने को मिला
दिल्ली में आज दोपहर जब भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए
भूकंप आते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आये. मोबाइल पर भूकंप की तीव्रता जान रहे थे.
इस भूकंप का केंद्र नेपाल था और इसकी तीव्रता 6.3 थी, भूकंप का केंद्र होने के कारण खतरा बड़ा था
नेपाल में आया भूकंप, धरती से सिर्फ 5 किलोमीटर नीचे था केंद्र
इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि खतरा कितना बड़ा था.
नेपाल में भूकंप का पहला झटका आज दोपहर 2:25 बजे आया.
इसकी तीव्रता 4.6 थी. भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर था.
दूसरा झटका दोपहर 2:51 बजे आया इस भूकंप की तीव्रता 6.5 थी.
शख्स सिर्फ 5 किलोमीटर की गहराई पर था. नेपाल में जैसे ही हिली धरती, लोगों ने देखा
साल 2015 की तबाही जब आया था 7.8 तीव्रता का भूकंप. उस समय आए विनाशकारी
भूकंप में 9000 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 23000 से ज्यादा 100,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
नेपाल में इमारत के मलबे का ढेर बनने से लोग घायल हो गए, जिससे चीख-पुकार मच गई
नेपाल में आज आया भूकंप एक बार फिर साल 2015 के दर्दनाक दिनों को ताजा कर देगा.
आपने देखा होगा कि जब भी भूकंप के केंद्र की बात होती है.
- नेपाल से दिल्ली तक भूकंप से कांपी धरती
- इसकी तीव्रता 6.3 थी
- भूकंप का केंद्र होने के कारण खतरा बड़ा था
- इसकी तीव्रता 4.6 थी. भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर था.
- दूसरा झटका दोपहर 2:51 बजे आया इस भूकंप की तीव्रता 6.5 थी.
- शख्स सिर्फ 5 किलोमीटर की गहराई पर था. नेपाल में जैसे ही हिली धरती, लोगों ने देखा
भूकंप जमीन से कितनी नीचे आया था.
इसमें बताया गया है कि भूकंप जमीन से कितनी नीचे आया था.
उदाहरण के लिए, नेपाल में आए इस भूकंप का केंद्र सिर्फ 5 किलोमीटर नीचे था
ग्राउंडिंग इंडिया में भूकंप को दो श्रेणियों में बांटा गया है, पहला है शेल यानी सच्चा, दूसरा है
गहरा यानी गहरा। दुनिया में कहीं भी भूकंप आते हैं,
उन्हें चालोन यानी इन दुखद श्रेणियों में रखा जाता है। सातो भूकंप ऐसे भूकंप होते हैं
जिनका केंद्र जमीन से 70 किलोमीटर नीचे होता है. यानि कि जिस भूकंप का केंद्र ज़मीन